Saturday, 10 August 2013

आम आदमी पार्टी : सात सीटों के लिए उम्मीदवारों की पांचवी सूची जारी


युवाओं को मिली तरजीह आम आदमी पार्टी सात विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की पांचवी लिस्ट जारी कर रही है. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ने बुराड़ी, द्वारका, गांधीनगर, जनकपुरी, करोलबाग और महरौली सीट से प्रत्याशियों के नाम तय किए. इसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस से जुड़े रहे लोगों को भी जगह मिली है. पार्टी ने उत्तर-पूर्व दिल्ली की बुराड़ी सीट से संजीव झा को प्रत्याशी बनाया है. संजीव झा मित्रों के साथ मिलकर पिछले 12 सालों से दिल्ली के कई पिछड़े इलाकों में बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में प्रयासरत हैं. कुछ युवाओं के साथ मिलकर उन्होंने एक सामाजिक संस्था “नवपल्लव” की नींव रखी जो अन्य प्रदेशों से रोजगार की तलाश में दिल्ली आने वाले लोगों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देती है. अन्ना आंदोलन से शुरुआत से जुड़े हुए हैं. कानून के विद्यार्थी संजीव झा ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आंदोलन के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए युवा मंच के गठन में अहम भूमिका निभाई है. पार्टी बनने के बाद भी कई जिम्मेदारीपूर्ण दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस के एक रिटायर्ड कांस्टेबल कृष्ण कुमार राठी को पार्टी ने मुंडका क्षेत्र से पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है. जब अन्नाजी ने जनलोकपाल कानून की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ा उस समय कृष्ण कुमार राठी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्य कर रहे थे. उन्होंने अखबार में अन्नाजी के आंदोलन के बारे में खबर पढ़ी और आंदोलन से प्रभावित होकर पुलिस की नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया. उन्होंने तत्काल सेवानिवृति की अर्जी लगाई. तीन महीने का नोटिस पीरियड पूरा होते ही वह सेवामुक्त हुए और पूरी तरह से आंदोलन में सक्रिय हो गए. रामलीला मैदान में हुए अन्नाजी के अनशन के दौरान उन्होंने वॉलेंटिंयर का कार्य किया. पार्टी के गठन के बाद हुए सभी आंदोलनों-प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से अपना योगदान दे रहे हैं. द्वारका सीट से चुनाव लड़ने का दायित्व रवि सूर्यान को सौंपा गया है. रवि सूर्यान साल 2000 से समाजसेवा के उद्देश्य से जनता के लिए निःशुल्क होम्योपैथी चिकित्सा केंद्र का संचालन करा रहे हैं. क्षेत्र में गरीब कन्याओं के विवाह एवं सांस्कृतिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. रवि सूर्यान लंबे समय तक भाजपा के साथ भी जुड़े रहे हैं. भाजपा के सागरपुर मंडल के व्यापार प्रकोष्ठ, युवा मोर्चा के अध्यक्ष और फिर भाजपा के दिल्ली प्रदेश किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी भी रहे हैं. पूर्वी दिल्ली की गांधीनगर सीट से पार्टी ने स्वतंत्रता सेनानी परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनिल कुमार वाजपेयी को प्रत्याशी बनाने का निर्णय लिया है. छात्र राजनीति में सक्रिय रहे अनिल कुमार वाजपेयी कांग्रेस पार्टी से भी लंबे समय तक जुड़े रहे और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी बनाए गए. बाद में जब शीला दीक्षित ने बिजली के दामों में अनाप-शनाप वृद्धि की तो उन्होंने शीला दीक्षित से मिलकर इस पर एतराज जताया. इस कारण शीला दीक्षित से अनबन हो गई. अनिल वाजपेयी ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए शीला दीक्षित का पुतला तक फूंका. अनिल गांधीनगर के आरडब्ल्यूए के साथ काफी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं. जनलोकपाल आंदोलन में पूरी आस्था रही है और कांग्रेस से जुड़े होने के बावजूद आंदोलनों के दौरान रामलीला और जंतर-मंतर पर नियमित तौर पर उपस्थिति दर्ज कराते थे. करोलबाग(सु.) सीट से एक युवा समाजसेवी विशेष रवि पार्टी के प्रत्याशी होंगे. विशेष रवि दिल्ली विकास संस्था के सचिव हैं और अपने व्यवसाय से समय निकालकर लोगों के हक की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. दिल्ली विकास संस्था पुलिस, NDMC, MCD, DDA, BSES, NDPL और दूसरे सरकारी विभागों द्वारा सताए गए लोगों के हक की आवाज आरटीआई, हस्ताक्षर अभियान, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अदालतों के माध्यम से उठाती है. इसके अलावा गरीब कन्याओं के विवाह के लिए साल में दो बार सामूहिक विवाह समारोहों का आयोजन, रक्तदान शिविर लगाना, मेधावी छात्रों को पढ़ाई में मदद देने जैसे कार्य संस्था के माध्यम से किए जाते हैं. दिल्ली विकास संस्था की नींव 1993 में विशेष रवि के पिता के.सी.रवि रखी थी. के.सी रवि का पहले भाजपा से भी जुड़ाव रहा है और वह भाजपा के पार्षद भी रहे हैं. पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी सीट से राजेश ऋषि को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. बिहार में वैकल्पिक कृषि पर आयोजित एक सेमिनार में भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विचारों को सुनने के बाद राजेश ऋषि के जीवन में बड़ा बदलाव आया. इन्होंने मिठाई के कारोबार से तीन साल के लिए विराम लेकर एक वोलेंटियर की तरह बिहार के गांवों में घूम-घूमकर छोटे किसानों को परंपरागत खेती की जगह व्यवसायिक फसलें उगाने को प्रेरित करने लगे. जनलोकपाल आंदोलन में शुरुआत से ही सक्रिय हैं. उसके बाद के सभी आंदोलनों-प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से योगदान देते आए हैं. महरौली सीट से नरेंद्र सेजवाल को चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दिल्ली के कटवारिया सराय गांव के निवासी नरेंद्र सेजवाल पर कम उम्र में परिवार का दायित्व आ गया. उन्होंने पढ़ाई के दौरान छोटा-मोटा व्यापार शुरू किया. स्नातक तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने परिवार की जिम्मेदारियां निभाते हुए सामाजिक कार्यों में भी शरीक होना शुरू कर दिया. कश्मीर से विस्थापित होकर दिल्ली आए लोगों की मदद के लिए नरेंद्र सेजवाल ने दोस्तों के साथ मिलकर अपने स्तर से सराहनीय प्रयास किया है. नरेंद्र और उनका परिवार क्षेत्र में होने वाले घार्मिक आयोजनों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है. आम आदमी पार्टी अब तक कुल 40 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है. छह अन्य सीटों के लिए शॉर्टलिस्ट जारी की जा चुकी है. कार्यकर्ताओं की राय लेने के बाद इन सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम पर भी फैसला कुछ दिनों में कर लिया जाएगा. कुछ अन्य सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट जल्द ही जारी की जाएगी. विभिन्न दलों के नेता और कई प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति इस संदर्भ में विचारकर निर्णय लेगी.

हाउसवाइफ ने घर से शुरू किया डिजाइनर कपड़ों का एक्सपोर्ट बिजनेस

पटना। आपका शौक अगर किसी को आर्थिक रूप से सशक्त बना दे तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। यह मानना है घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से विदेशों में डिजाइनर कपड़े की मार्केटिंग करने वाली प्रतिभा का। 40 वर्षीय प्रतिभा जगदेव पथ में बुटिक चलाती हैं। इसके साथ दर्जनों महिलाओं को पांच सालों से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम कर रही हैं। इन महिलाओं के द्वारा डिजायन किये कपड़ो की ऑनलाइन मार्केटिंग कर महीने में लगभग चार-पांच लाख रुपये कमा रही हैं। इनके द्वारा बनाये गये कपड़ो की मांग अमेरिका, लंदन, दुबई, शारजाह, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्वीडन और नार्वे में सबसे अधिक है। कैसे आया आइडियाः पटना में पढ़ी-बढ़ी प्रतिभा बताती हैं कि फैशन डिजायन की पढ़ाई करने के बाद कई बड़ी कंपनियों से बुलावा आया। लेकिन उन्होंने सोचा कि बाहर जाने से उनकी प्रतिभा का लाभ दूसरे को मिलेगा। हम अपनी मिट्टी को कुछ नहीं दे पाएंगे। इसी सोच ने खुद के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने का आइडिया आया। उनके अनुसार महिलाएं कला की धनी होती हैं। अगर इसका सही उपयोग किया जाए तो आर्थिक तंगी दूर की जा सकी है। वे बताती हैं कि जब वे पढ़ाई कर रही थी तो पता चला कि विदेशी बाजार में भागलपुर का तसर, मूंगा सिल्क, फाइन और लेनिन कॉटन की बहुत मांग है क्योंकि ये कपड़े शरीर के हाइजिन के लिए अच्छे माने जाते हैं। लोगों को इन कपड़ो की तरफ खींचने के लिए उन्होंने अपनी कला का इस्तेमाल करना शुरू किया। इसके बाद इंटरनेट के माध्यम से विदेश में बसे लोगों से संपर्क किया। उन लोगों को बिहार की बहुमूल्य चीजों से अवगत कराया। पहली बार बहुत कम लोग खरीदने के लिए आये। इसके बाद केन्द्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा लगाये जा रहे मेले में घूमकर विदेशी ग्राहकों को कला के बारे में बताया और अपने यहां आमंत्रित करती रही। जैसे-जैसे लोगों का विश्वास जगा उनके यहां लोग आते गये। प्रतिभा बताती हैं अब ऑनलाइन से ही आर्डर आ जाते हैं। वे कहती हैं अपनी धरोहर को विश्व पटल पर दिखाने का इससे अच्छा माध्यम नहीं हो सकता है। Facebook + Media

गूगल से पैसा कैसे कमाया जाता है

Facebook + Media पढने वाले सभी साथियों को सत्येन्द्र कुमार सिंह का सादर नमस्कार दोस्तों आज मै बताने जा रहा हूँ की गूगल से पैसा कैसे कमाया जाता है, दोस्तों आज सबको मालूम है की गूगल एक सर्च इंजन से साथ- साथ एक ऐसा Advertiser है जिसके यहाँ करोडो कंपनिया अपने विज्ञापन को करवाने के लिए लाइन में खड़े रहते है, उन विज्ञापनों को लेकर गूगल अपने के साथ आप की साईट पर भी देता है, जैसे - जैसे आप की साईट के द्वारा उन विज्ञापनों का रेंज क्लिक के माध्यम से बड़ता है, उसी क्लिक पर गूगल आप को अपने कुछ हिस्सों का पेमेंट आप को करता है ! Google के साथ कार्य कैसे करते है- आप सभी को गूगल के बारे में ज्ञात होगा गूगल का काम Difficult नहीं बल्कि Technical होता है. यह काम आज का नहीं बहुत ही पुराना है, लेकिन हमें यह जानकारी नहीं है इस काम को कैसे करते है और इसका सही तरीका क्या होता है ,आप जब गूगल को ओपन करते है तो सबसे निचे लिखा होता है- Advertising Programs इसमें 2 Option होते है, पहला Google पर विज्ञापन करें दूसरा अपनी साइट से पैसे कमाएं - गूगल से पैसे कमाने के लिए सबसे पहले आप को गूगल में Approval करवाना पड़ता है ,इसके बाद गूगल आप को एक Client ID Provide करता है, जिसके माध्यम से आप अपनी सारी Daily ,Weekly , Monthly ,Yearly और Globally visiting Data और Income को देख पाते है इसके बाद आप को अपनी एक वेबसाइट, वेबपेज, ब्लॉग आदि को बनाना या बनवाना पड़ता है,जिस पर गूगल मल्टीनेशनल कंपनियों के विज्ञापन को देता है जैसे - जैसे आप की ट्राफिक बड़ती जाती है उसी प्रकार गूगल भी आप की इनकम को बढाता जाता है ,और आप की इनकम हर मंथ आप के पते पर चेक के माध्यम से चली आती है! Facebook + Media http://www.oyeflowers.com

Wednesday, 7 August 2013

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मिलावटी दूध बेच रहा है रिलायंस अगर आप यह सोचते हैं कि बड़े ब्रांड ही शुद्घता की गारंटी हैं तो जरा ठहर जाइये। रिलायंस के दूध में भारी मिलावट है, जो आपको गंभीर बीमारियां दे सकती है। रिलायंस मिलावटी दूध अपने बड़े नाम के नीचे चुपचाप बेच रहा है और आप ठगे जा रहे हैं। दूध के नमूने जांच में फेल पाए जाने पर रिलायंस कंपनी को एक लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। कंपनी की अपील खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने खारिज कर दी। जुर्माना एडीएम कोर्ट में भरा गया। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी दिलीप जैन ने बताया कि नौ अक्तूबर 2012 को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सलेमपुर स्थित योगेश कुमार की डेरी से रिलायंस कंपनी के दूध के नमूने भरे थे। नमूनों को पहले जांच के लिए रुद्रपुर और बाद में पूना स्थित सेंट्रल लैब भेजा गया था। जांच में रिलायंस कंपनी के दूध के नमूने फेल पाए गए। इस पर कंपनी के खिलाफ तीन जनवरी 2012 को� एडीएम की अदालत में मामला दर्ज किया गया। छह दिसंबर 2012 को कंपनी पर कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। बाद में कंपनी ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त के पास अपील की लेकिन वहां कंपनी की अपील खारिज कर दी गई। मंगलवार को कंपनी ने एडीएम आलोक पांडे की अदालत में जुर्माना भर दिया है। --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- -प्रिय दोस्तों, पिछले कुछ वर्षों से देश भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट हुआ है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई- सभी धर्मं के लोग अन्ना के नेतृत्व में एकजुट हुए। गंदी राजनीति करने वाले नेता इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। ये इस एकजुटता को तोड़ने की कोशिश करेंगे ताकि इनका भ्रष्टाचार चलता रहे। मैंने मुसलमान बहनों, भाइयों के नाम एक पत्र लिखा था। उस पत्र में मैंनें लिखा था कि किस तरह से पिछले 65 सालों से कांग्रेस पार्टी ने इस देश के मुसलमानों को अपना बंधुआ वोटर बना रखा है। ‘‘बीजेपी आ जाएगी’’ - यह डर दिखाकर कांग्रेस मुसलमानों से वोट लेती है। एक तरफ कांग्रेस ने मुसलमानों को अपना वोट बैंक बना रखा है और दूसरी तरपफ बीजेपी हिंदुओं में मुसलमानों के प्रति नफरत पैदा कर उन्हें अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश करती है। न आज तक कांग्रेस ने मुसलमानों का कोई भला किया और न बीजेपी ने हिंदुओं का कोई भला किया। कांग्रेस, बीजेपी व अन्य कुछ पार्टियों की पूरी राजनीति हिंदुओं और मुसलमानों के बीच ज़हर घोलने पर ही चलती है। जितना हिंदुओं और मुसलमानों के मन में एक-दूसरे के खिलाफ ज़हर पैदा होगा उतनी ही इन पार्टियों की राजनीति चमकेगी। इस नफरत की राजनीति को ख़त्म करके दोनों कौमों के बीच अमन और चैन कायम करना ‘आम आदमी पार्टी’ का ध्येय है। यही बात करने के लिए मैंने वह पत्र लिखा था। कई साथियों ने उस पत्र की तारीफ की। उन्होंने उस पत्र की भावना को और उसके मक़सद को समझा है। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच में अमन और शांति का माहौल पैदा करने की इस नई राजनीति की पहल का उन्होंने स्वागत किया है। लेकिन कुछ साथियों ने कुछ प्रश्न भी उठाएं हैं। इस पत्र के ज़रिए मैं उन प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश करूंगा। एक प्रश्न यह पूछा गया है कि मैंने मुसलमानों के लिए अलग से पत्र क्यों लिखा? मेरा जवाब है कि इसमें गलत क्या है। अगर इस पत्र के जरिए मैं हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अमन और शांति कायम करने का प्रयास करता हूं तो इसमें गलत क्या है। अगर मैं मुसलमानों को कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के चंगुल से मुक्त होने की अपील करता हूं तो इसमें गलत क्या है? इसके पहले मैंने दिल्ली के व्यापारियों के नाम एक पत्र लिखा था। व्यापारियों को भारतीय जनता पार्टी ने आज तक अपना वोट बैंक बना कर रखा, लेकिन उनके लिए किया कुछ भी नहीं। इसके पहले मैंने बाल्मिकी समाज के लिए भी एक पत्रा लिखा था। बाल्मिकी समाज को आज तक कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बना कर रखा लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया। इसके पहले मैंने दिल्ली के झुग्गीवासियों के नाम भी एक पत्र लिखा था। इन्हें कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बना रखा है, लेकिन उनको कभी आगे बढ़ने नहीं देती। समाज के अलग-अलग तबके को पत्र लिखकर मैं इन पार्टियों की गंदी वोट बैंक की राजनीति से लोगों को आगाह करना चाहता हूं। जब मैंने व्यापारियों को पत्रा लिखा, बाल्मिकी समाज को पत्रा लिखा, ऑटो वालों को पत्र लिखा और झुग्गीवालों को पत्र लिखा, तब किसी ने कुछ नहीं कहा। लेकिन जैसे ही मैंने मुसलमानों के नाम पत्र लिखा तो तुरंत कुछ साथियों ने इसका विरोध किया। उन साथियों का कहना है कि मैंने धर्म को आधर बनाकर पत्र क्यों लिखा? ऐसा मैंने इसलिए किया क्योंकि दूसरी पार्टियां धर्म को आधार बनाकर ज़हर घोलती हैं। अगर वो हिंदू और मुसलमान के बीच ज़हर घोलती हैं तो हमें हिंदू और मुसलमान के बीच ही तो एकता की बात करनी पड़ेगी। अलग-अलग धर्मो के लोगों को अपील करके यह तो कहना ही पड़ेगा कि इनकी ज़हरीली बातों में मत आओ और सब एक साथ रहो, भाईचारे के साथ रहो। कुछ महीनों पहले मैं मुंबई गया। जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरा, एक साथी ने आकर मुझे टोपी पहना दी जिस पर मराठी में लिखा था ‘‘मी आम आदमी आहे।’’ दो दिन तक मैं टोपी पहन कर घूमता रहा, किसी ने कोई आपत्ति नहीं की। कुछ दिनों बाद मेरे घर बंगाल से एक लड़का आया। उसने मेरे सिर पर बंगाली टोपी रख दी, पूरा दिन मैं उसे पहनकर घूमता रहा। किसी ने कुछ नहीं कहा। अभी दिल्ली के गांव-गांव में मैं घूम रहा हूं। ढेरों मंदिरों में जाता हूं। कई गांव में लोग मुझे पगड़़ी पहनाते हैं, कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं की। लेकिन एक दिन जब एक मुसलमान भाई ने मेरे सिर पर उर्दू की टोपी पहना दी तो कुछ साथियों ने इसका विरोध् किया। मुझ पर आरोप लगाया कि मैं मुस्लिम तुष्टिकरण कर रहा हूं। विरोध करने वालों में दो किस्म के लोग हैं। एक वो लोग हैं जो कांग्रेस, भाजपा या अन्य पार्टियों से संबंध रखते हैं। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भाईचारा पैदा करने की ‘आम आदमी पार्टी’ की राजनीति ने इन्हें विचलित कर दिया है। इन्हें अपनी दुकानें बंद होती नज़र आ रही हैं। दूसरी श्रेणी में वो लोग हैं जो सच्चे हैं, ईमानदार हैं और देशभक्त हैं। जब ऐसे कुछ लोग प्रश्न करते हैं तो मुझे चिंता होती है। ऐसे सभी साथियों से मेरा निवेदन है कि वो बैठकर सोचें कि जो कुछ मैंने किया, वह मुस्लिम तुष्टिकरण था या भारत को जोड़ने के लिए था? जैसे ही ‘मुसलमान’ व ‘उर्दू’ शब्द आता है तो कुछ साथी इतने विचलित क्यों हो जाते हैं? ये पार्टियां यही तो चाहती हैं कि हमारे मन में एक-दूसरे के खिलापफ ज़हर भर जाए। मैं ऐसे सभी साथियों से हाथ जोड़कर कहना चाहता हूं कि इस देश में हिंदुओं के दुश्मन मुसलमान नहीं है और मुसलमानों के दुश्मन हिंदू नहीं है। बल्कि हिंदुओं और मुसलमानों - दोनों के दुश्मन ये गंदे नेता और उनकी गंदी राजनीति है। जिस दिन इस देश के लोगों को ये छोटा परंतु महत्वपूर्ण सच समझ आ जाएगा, उस दिन इन नेताओं की दुकानें बंद हो जाएंगी। ये नेता हर कोशिश करेंगे कि हमारे दिलों के अंदर ज़हर भरते रहें। साथियों, हमें इसी का सामना करना है। हमारे दफ्तर में एक लड़का काम करता है। उसका नाम है जावेद। एक दिन उसे सड़क पर चलते हुए पुलिस ने रोक लिया। उससे उसका नाम पूछा। जब उसने अपना नाम बताया तो पुलिस वाले ने धर्म के नाम पर दो गालियां दी और पांच मिनट तक उसे सड़क पर मुर्गा बना दिया। मैं यह नहीं कहता कि सारी पुलिस फोर्स ऐसी हैं। लेकिन अगर कुछ पुलिस वाले ऐसा करते हैं, तो क्या हमें उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए? उसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठानी चाहिए? क्या ऐसा करना मुस्लिम तुष्टिकरण होगा? हमारी कार्यकर्ता संतोष कोली का एक्सीडेंट हुआ। ऐसा शक है कि उसका एक्सीडेंट करवाया गया। वह दलित समाज से है। अगर आज हम उसका साथ दे रहे हैं तो क्या यह दलितों का तुष्टिकरण है? अभी एक महीना पहले बिहार से दिल्ली आई एक महिला का सामूहिक बलात्कार किया गया। हमने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई। तो क्या यह बिहारियों का तुष्टिकरण था? मैंने 1984 में सिखों के कत्लेआम के खिलापफ आवाज़ उठाई तो क्या वह सिखों का तुष्टिकरण था? मैंने कई मंचों से कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए अन्यायों के खिलाफ आवाज़ उठाई तो क्या यह हिंदुओं का तुष्टिकरण था? यदि नहीं, तो फिर इशरत जहाँ मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करना मुसलमानों का तुष्टिकरण कैसे हो सकता है? हम क्या मांग रहे हैं? केवल निष्पक्ष जांच ही तो मांग रहे हैं। क्या निष्पक्ष जांच नहीं होनी चाहिए? इसमें कोई शक़ नहीं कि कई आतंकवादी मुसलमान रहे हैं। पर इसका मतलब यह कतई नहीं हो सकता कि हर मुसलमान आतंकवादी होता है। मैं ऐसे कई मुसलमानों को जानता हूं जो भारत के लिए सब कुछ न्यौछावर करके बैठे हैं। आज देश को ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, अब्दुल हमीद और कैप्टन हनीपुफद्दीन पर गर्व है। ‘आम आदमी पार्टी’ में ही कितने मुसलमान साथी हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए अपनी नौकरी और अपना परिवार दोनों त्याग दिए। जैसे कई आतंकवादी मुसलमान होते हैं वैसे ही कई आतंकवादी और देशद्रोही अन्य धर्मो से भी होते हैं। माधुरी गुप्ता तो हिंदू थीं जिसने पाकिस्तान को भारत के कई सुराग बेच दिए थे। मेरा मानना है कि आतंकवादी न हिंदू होता है और न मुसलमान। वो केवल गद्दार होता है। उसे सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई - कोई भी धर्म हमें एक-दूसरे की हत्या या नफरत करना नहीं सिखाता। हर धर्म प्यार और मोहब्बत का संदेश देता है। इसीलिए आतंकवादी न हिंदू होते हैं और न ही मुसलमान। बाटला हाउस मामले पर भी कुछ साथियों ने सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में दो युवाओं की मौत हुई और एक पुलिस अफसर श्री मोहन चंद शहीद हुए। कई लोगों के मन में शक़ है कि क्या उन युवाओं को मारने की जरूरत थी या उन्हें जि़ंदा पकड़ा जा सकता था? अगर वो दोनों शख़्स आतंकवादी थे तब तो उन्हें जि़ंदा पकड़ना अत्यंत आवश्यक था ताकि उनके मालिकों का पता लगाया जा सके। और यदि वो निर्दोष थे तो क्या दोषी पुलिस वालों को सज़ा नहीं मिलनी चाहिए? मौके पर एक जाबांज़ पुलिस अफसर श्री मोहन चंद शहीद हुए। वो अपना फ़र्ज़ अदा करते हुए शहीद हो गए। उनकी मौत कैसे और किन हालातों में हुई? क्या इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करना मुस्लिम तुष्टिकरण है? इस देश को बचाने के लिए न जाने कितने पुलिस वालों ने अपनी जान दी है। मध्य प्रदेश के आई.पी.एस नरेंद्र कुमार को भाजपा सरकार के शासन में खनन मापि़फया ने कुचल कर मार डाला। उत्तर प्रदेश के कुण्डा जिले में डी.एस.पी. जि़या-उल-हक़ को एक नेता के समर्थकों की उपद्रवी भीड़ द्वारा हत्या करवा दी गई। ‘आम आदमी पार्टी’ ने इन मामलों में आवाज़ उठाई। 26 नवंबर 2008 को कांग्रेस शासनकाल में मुंबई पर आतंकवादियों का हमला हुआ। कई कमांडो ने अपनी जान पर खेलकर देश को बचाया। कमांडो सुरिंदर सिंह उनमें से एक थे। उनकी पैर में गोली लगी। बम धमाके में उनकी सुनने की क्षमता समाप्त हो गई। उन्हें सम्मानित करना तो दूर, कांग्रेस सरकार ने उन्हें शारीरिक रूप से अक्षम घोषित करके नौकरी से निकाल दिया। कई महीनों तक उनकी पेंशन नहीं दी। ‘आम आदमी पार्टी’ ने उनकी न्याय की लड़ाई लड़ी। उसके बाद उन्हें पेंशन मिलने लगी। अब ‘आम आदमी पार्टी’ ने दिल्ली कैंट विधानसभा से उन्हें उम्मीदवार घोषित किया है। इन्हीं पार्टियों की दुकानें अब बंद होती नज़र आ रही हैं। साथियों पहली बार इस देश में एक नई राजनीति की शुरुआत करने की कोशिश की जा रही है। यह एक छोटी शुरुआत है। पर एक ठोस शुरुआत है। यह एक छोटा-सा पौधा है। यह पौधा बड़ा होकर पेड़ बने और सबको फल और छाया दे - इसी में हम सबका भला है। ध्यान रहे कि इसे रौंद मत देना। हमारे अन्दर सौ कमियां हो सकती हैं। परंतु हमारी नीयत साफ है। हम एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहते हैं। हम एक ऐसा भारत चाहते हैं जिसमें सभी धर्मो और जातियों के बीच बराबरी का रिश्ता हो। और सभी लोग भाईचारे और अमन-चैन से जिएं इसके अलावा हमारा कोई और दूसरा मकसद नहीं है। --- आप का अरविन्द.-

लगता है मोदी नहीं है धर्म निर्पेक्ष

मीडिया सूत्रों का अनुमान यह जताया जा रहा है ! मोदी सभी धर्मो को साथ लेकर नहीं चलते। यह उनकी सबसे बड़ी कमजूरी होगी ! अगर उनका सभी धर्मो को लेकर सोच बदलते है तो कुछ बात बन सकती है कैसे करे Gmail से दूसरे Email पर सारे मेल ट्रांसफर ? आपका एक पुराना जीमेल अकाउंट है और आप चाहते है कि सारे मौजूदा email को एक नये email अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया जाए। नया email एड्रेस @gmail.com, @outlook.com, @yourcompany.com या कुछ और भी हो सकता है। जीमेल आपको यह सुविधा नहीं देता है कि आप एक जीमेल से दूसरे जीमेल या किसी अन्य अकाउंट पर मेल को ट्रांसफर कर सकें। इसके बावजूद यदि आप मौजूदा जी मेल मैसेज को ऐसे ई मेल सर्विस पर ट्रांसफर करना चाहते है जो POP3 आधारित इम्पोर्टिंग को सपोर्ट नहीं करती है तो इसके लिए बेहद आसान तरीका है। आपको बस एक Google Script का यूज करना है। इस Script के जरिए सारे पुराने मैसेज एक-एक कर नए ई मेल एड्रेस पर ट्रांसफर हो जाएंगे। जीमेल मैसेज को कैसे ट्रांसफर करें: स्क्रिप्ट को कांफिगर (Configure) करने के लिए सबसे पहले आपको पुराने जी मेल अकाउंट के लिए जरिए लॉग इन करना होगा। इसके बाद निम्नलिखित स्टेप को फॉलो कीजिए। यहां क्लिक कीजिए और मेल फॉरवर्डिंग शीट को Google Drive (आपके पुराने Gmail अकाउंट से जुड़ा हुआ) पर कॉपी कीजिए। पहली स्टेप को फॉलो करने पर आपको Google शीट पर मैन्यू में एक नया ऑप्शन Gmail नजर आएगा। Gmail ऑप्शन के सब मैन्यू में आपकों Authorize नजर आएगा। इसे Choose कीजिए इसके जरिए आप स्क्रिप्ट को इस बात के लिए अनुमति देते है कि वो आपके Gmail अकाउंट को एक्सेस कर सकें। स्क्रिप्ट को Authorize करने के बाद इसी ऑप्शन में आपको Transfer ऑप्शन को Choose करना है। इसके बाद आपसे पूछा जाएगा कि आप कौन से नए एड्रेस पर पुराने Gmail मेल को ट्रांसफर करना चाहते है। नया ईमेल एड्रेस टाइप कीजिए और आपके पुराने मैसेज ऑटोमेटिक नए मेल एड्रेस पर ट्रांसफर होना शुरू हो जाएंगे। अब Google Script बैकग्राउण्ड में रन होती रहेगी और इसके माध्यम से एक-एक कर सारे मैसेज आपके पुराने Gmail अकाउंट से नए ईमेल एड्रेस पर ट्रांसफर की प्रोसेस होते जाएंगे। सारे थ्रेड जो इस Script के जरिए फॉरवर्ड होंगे उन पर ‘क्लोन’ लेबल होगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके जरिए आपको उन मैसेज के बारे में पता चल जाएगा जो पुराने ई मेल अकाउंट से फॉरवर्ड होकर आएंगे। इस ट्रांसफर में कितना समय लगेगा यह आपके मेल बॉक्स की साइज पर निर्भर करता है। Gmail की डेली सेंडिंग लिमिट तय होने की वजह से हो सकता है कि सारे मेल को प्रोसेस होने में कई दिनों का समय लग जाए। यहां यह बात का ध्यान रखना जरूरी है कि Trash, Spam और Sent फोल्डर के मेल फॉरवर्ड नहीं होंगे। Facebook + Media emailgarhwalibhai@gmail.com