नए बिजनेस की शुरुआत कैसे करें?

परिचालन के मसलों का ध्यान रखें, लागत न्यूनतम बनाए रखें और अपने वित्त का अच्छी तरह से प्रबंधन करें। इस बारे में विस्तार से प्रकाश डाल रहा है योगिनी जोगलेकर का लेख अक्टूबर 2009 में जब 27 वर्षीय कंप्यूटर साइंस स्नातक और आईआईएम-कलकत्ता के पूर्व छात्र रूपेश शाह ने सिलीकन वैली में रोजगार की पेशकश को को ठुकरा दिया था और इसके बजाय उन्होंने अपना स्वयं का उद्यम शुरू करने का निर्णय लिया था। उनके इस फैसले को लेकर उनके माता-पिता भी चिंतित थे। इनओपन टेक्नोलॉजीज नाम से यह उद्यम शैक्षिक सामग्री से जुड़े सॉल्युशन मुहैया कराता है। सामान्य तौर पर किसी नए उद्यम को उद्यम पूंजी फंड हासिल करने में तभी मदद मिलती है जब व्यवसाय के सबूत को लेकर सुनिश्चित हो। पेपरफ्राई डॉटकॉम के अंबरीष मूर्ति कहते हैं, 'पूंजी का बड़ा हिस्सा लोगों को नौकरी पर रखने, कार्यालय खरीदने/किराए पर लेने और प्रौद्योगिकी से संबंधित निवेश आदि में इस्तेमाल किया जाता है।Ó विश्लेषकों का कहना है कि भारत में नया उद्यम शुरू करने में परिचालन संबंधी कई दिक्कतें आती हैं। इसमें कई तरह के खर्च जुड़े होते हैं। शुरुआती चरणों में तीन तरह की कंपनियों का गठन किया जाता है- प्रॉपराइटरशिप, पार्टनरशिप और प्राइवेट लिमिटेड। इनओपन टेक्नोलॉजीज के शाह कहते हैं, 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू करना आसान है, लेकिन यह जटिल भी है, क्योंकि इसके लिए कई तरह की मंजूरी लेने की जरूरत होती है।' लागत की पहचान करना फूडपांडा डॉटकॉम के संस्थापक अमित कोहली कहते हैं, 'आपको अनुपालन/नियामकीय कार्य, अकाउंटिंग कार्य प्रणालियों और कानूनी शुल्क के तौर पर खर्च करने की जरूरत होगी। इसके अलावा व्यवसाय में उत्पाद, प्रौद्योगिकी और बिक्री की लागत बेहद महत्वपूर्ण और अनिवार्य खर्च हैं। हालांकि मालिक इनमें कितना निवेश करना चाहता है, यह उसकी मर्जी पर निर्भर करता है।Ó अनुपालन लागत: अनुपालन लागत स्रोत पर कर कटौती, कर्मचारियों के लिए प्रोवीडेंट फंड, प्रतिष्ठïान के पंजीकरण आदि से जुड़ी होती है। सबसे पहले तो कंपनी को कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के साथ जुडऩा होगा। लागत कंपनी की शेयर पूंजी पर निर्भर करेगी, क्योंकि आरओसी को स्टांप शुल्क शेयर पूंजी के आधार पर चुकाया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि 5 लाख रुपये की चुकता पूंजी के साथ स्वीकृत पूंजी 15 लाख रुपये है तो शुरुआती शुल्क 40,000 रुपये होगा। दूसरा कदम होगा आय कर विभाग से स्थायी खाता संख्या (पैन) प्राप्त करना, जिसके बगैर कंपनी को अन्य नियामकीय प्राधिकरणों से मंजूरी नहीं मिलेगी। आपको शॉप्स ऐंड इस्टैब्लिशमेंट्ïस ऐक्ट के तहत कंपनी को पंजीकृत कराने के लिए 15,000 रुपये खर्च करने होंगे। एक बार पंजीकरण के लिए 5000 रुपये का प्रोफेशन कर चुकाने की जरूरत होगी और कर्मचारी भविष्य निधि के लिए एक बार के पंजीकरण की लागत लगभग 3000 रुपये के मासिक खर्च के साथ 15,000 रुपये है। इम्पलॉयीज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के लिए एक बार पंजीकरण और मूल्यवर्धिक कर/केंद्रीय बिक्री कर 5000 रुपये और 25,000 रुपये होंगे। सर्विस टैक्स नंबर के लिए अतिरिक्त 25,000 रुपये चुकाने होंगे। लेखा प्रणालियां: एक व्यवसाय के तौर पर अपने रिटेलरों, आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं के लिए वैध बिल तैयार करना जरूरी है। छोटे उद्यमों द्वारा अर्जित किए जाने वाले व्यवसाय में टैली की अहम भूमिका होती है। सीए एवं कानूनी शुल्क अक्सर किसी कंपनी को चार्टर्ड अकाउंटेंट और कानूनी फर्म की अलग से सेवा लेनी चाहिए। यह दस्तावेजों के प्रबंधन और संस्थापक के समझौते का मसौदा तैयार किए जाने, ट्रेडमार्क के लिए आवेदन करने, कंपनी रिटर्न फाइल करने, अन्य कर आदि चुकाने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। इसकी लागत 10,000-50,000 रुपये प्रति महीने होगी। प्रौद्योगिकी: अगला बड़ा निवेश प्रौद्योगिकी से जुड़ा होगा। हालांकि यह व्यवसाय-केंद्रित है, लेकिन यदि व्यवसाय इंटरनेट या ई-कॉमर्स आधारित है तो प्रौद्योगिकी पर खर्च अधिक होगा। हालांकि यदि व्यवसाय ऑफलाइन और उत्पाद-केंद्रित है तो मशीनरी पर अधिक निवेश हो सकता है। जानकारों का कहना है कि चूंकि किसी उद्यम के निर्माण में काफी रकम पहले ही लग जाती है, ऐसे में ज्यादातर व्यवसायों को विपणन गतिविधियों के वित्त पोषण में दिक्कत आती है। निष्क्रिय नकदी का निवेश यदि आपके चालू खाते में रकम बिना इस्तेमाल के पड़ी हुई है तो इसे शॉर्ट-टर्म इनकम फंड में लगाएं। अपनी निष्क्रिय नकदी या आपके व्यवसाय के लिए फिलहाल काम नहीं आने वाली नकदी को लॉक करने के लिए यह श्रेष्ठï विकल्प है। चूंकि इनकम फंड में प्रवेश या निकास शुल्क नहीं वसूला जाता है, इसलिए इस स्कीम से अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ ही दिनों में बाहर निकला जा सकता है। औसतन ऐसी योजनाएं 5 और 8 फीसदी के दायरे में प्रतिफल देती हैं। खाते में बेकार पड़ी रकम के निवेश के लिए आप लिक्विड फंड जैसी अन्य अल्पावधि डेट योजनाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में नकदी बेकार न पड़ी रहे। वित्तीय योजनाकार मशरूवाला कहते हैं कि यदि किसी बिजनेस में अधिक निष्क्रिय नकदी बची हो तो इसे व्यवसाय की रफ्तार एवं विकास को देखते हुए फिर से निवेश कर दिया जाना चाहिए। वह कहते हैं, 'यदि बिजनेस घाटे में चल रहा है तो रकम को अल्पावधि सावधि जमाओं में निवेश करना चाहिए जो निश्चित तौर पर 5 से 6 फीसदी का प्रतिफल देती हैं। इससे कम से कम नुकसान को कुछ हद तक कम करने में मदद मिलेगी।' व्यावसायिक लागत में कटौती कभी कभी जब कोई नया उद्यम कोष हासिल करता है तो वह कई ऐसी जरूरतों पर भी खर्च करने के लिए उतावला रहता है जो संबद्घ व्यवसाय के लिए प्राथमिक तौर पर जरूरी नहीं हो सकती हैं। शुरू में अधिक वेतन पर लोगों को नौकरी पर रखे जाने से परहेज करें। इसके अलावा बहुत ज्यादा लोगों को भर्ती न करें। लागत कटौती का एक नवीनतम उपाय है कंपनी में प्रत्येक कर्मचारी के लिए समानता। उदाहरण के लिए मूर्ति ने कंपनी में अपना मुकाम कड़ी मेहनत के जरिये हासिल किया है। इसे देखते हुए प्रत्येक कर्मचारी को कंपनी में भागीदारी मिली है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कर्मचारी कंपनी में खुश हैं। वे अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार भी हैं। फूडपांडा डॉटकॉम के कोहली कहते हैं, 'जब तक आपकी कंपनी को संघर्ष करना पड़ रहा हो, लागत को परिवर्तनीय बनाए रखें। बिजनेस मॉडल के लिए जरूरी क्षेत्रों में ही निर्धारित लागत आधार को धीरे धीरे बढ़ाएं।' कानूनी, अनुपालन आदि जैसे गैर-प्रमुख क्षेत्रों में साझा सेवाओं के मॉडल का इस्तेमाल करें। इन सेगमेंटों में अंशकालिक तौर पर नियुक्ति करें। कोष की व्यवस्था कोष जुटाना बेहद जटिल और उबाऊ प्रक्रिया है। एक बार जब इसका ढांचा तैयार कर लिया जाता है तो बिजनेस मॉडल नाम से लोकप्रिय दस्तावेज मे पेश करने की जरूरत होती है। आप कम से कम दो वर्षों तक विस्तृत वित्तीय मॉडलों पर जोर दें। कोष आकर्षित करने के लिए आपको प्रमुख निवेशकों, बैंकों उद्यम पूंजी (वीसी) फंडों, निजी इक्विटी फंडों आदि पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी।

1 comment:

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